Tuesday, 8 October 2019

वर्षा चाही गई

 इब्ने असाकिर ने जलहमा बिन अरफ़ता से रिवायत किया है कि मैं मक्का आया , लोग अकाल से दो चार थे । कुरैश ने कहा , अबू तालिब घाटी अकाल का शिकार है । बाल - बच्चे अकाल के निशाने पर हैं , चलिए , वर्षा की दुआ कीजिए । अबू तालिब एक बच्चा लेकर बरामद हुए । बच्चा बादलों से घिरा हुआ सूरज मालूम होता था , जिससे घना बादल अभी - अभी छटा हो , उसके आस - पास और भी बच्चे थे ।
  अबू तालिब ने उस बच्चे का हाथ पकड़ कर उसकी पीठ काबे की दीवार से टेक दी । बच्चे ने उनकी उंगली पकड़ रखी थी , उस वक़्त आसमान पर बादल का एक टुकड़ा न था , लेकिन ( देखते - देखते ) इधर - उधर से बादल आने शुरू हो गये और ऐसी धुवांधार वर्षा हुई कि घाटी में पानी बह निकला , पूरा इलाका पानी से भर गया । बाद में अबू तालिब ने इसी घटना की ओर इशारा करते हुए मुहम्मद मोहम्मद की प्रशंसा में कहा था ' वह सुन्दर हैं , उनके चेहरे से वर्षा की दुआ की जाती है , यतीमों की पनाहगाह और विधवाओं के संरक्षक हैं ।

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