Monday, 7 October 2019

मोहम्मद का पागलपन और जुनून


  कभी उन्होंने मोहम्मद के बारे में यह कहा कि आप एक किस्म के जुनून में पड़े हुए हैं जिसकी वजह से आप विचारों में उडते हैं और उन्हें अच्छे और नए किस्म के कलिमों में ढाल लेते हैं , जिस तरह कवि लोग अपने विचारों को शब्द के नए परिधान में प्रस्तुत करते हैं , इसलिए वह भी कवि हैं और उनकी वाणी काव्य है । अल्लाह ने इनको रद्द करते हुए फरमाया ' कवियों के पीछे तो गुमराह लोग चलते हैं । तुम देखते नहीं कि वे हर वादी का चक्कर काटते हैं और ऐसी बातें कहते हैं जिन्हें करते नहीं । ' अर्थात इन कवियों की तीन विशेषताएं हैं और उनमें से कोई भी विशेषता मोहम्मद में मौजूद नहीं । इसलिए जो लोग आपकी पैरवी करने वाले हैं . वे हिदायत पाने वाले हैं । अपने धर्म , चरित्र , ईमान और कामों , हर चीज़ में भले , नेक और अल्लाह का डर रखने वाले हैं । उन पर उनकी जिंदगी के किसी भी मामले में गुमराही का नाम व निशान नहीं । फिर मोहम्मद कवियों की तरह हर वादी का चक्कर नहीं काटते , बल्कि एक रब , एक दीन और एक रास्ते की दावत देते हैं । इसके अलावा आप वही कहते हैं जो करते हैं और वही करते हैं , जो कहते हैं , इसलिए आपको कवियों और उनके वाक्य से क्या वास्ता ? और कवियों और उनके काव्य को आपसे क्या वास्ता ? यो वे लोग , मोहम्मद के खिलाफ़ , कुरआन व इस्लाम के खिलाफ जो शक भी पैदा करते थे अल्लाह उसका भरपर और सन्तोषजनक जवाब देता था । उनको अधिकतर सन्देह , तौहीद , मुहम्मद मोहम्मद की रिसालत और मरने के बाद क्रियामत के दिन दोबारा उठाए जाने से मुताल्लिक हुआ करते थे ।

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