हम मोहम्मद की पैग़म्बराना जिंदगी को दो भागों में बांट सकते हैं , जो एक दूसरे से पूरी तरह भिन्न , स्पष्ट और विख्यात थे । वे दोनों भाग ये हैं
1 . मक्की जिंदगी लगभग 13 साल ,
2 . मक्का वासियों में खुल्लम खुल्ला प्रचार - प्रसार का मरहला - नुबूवत के चौथे साल के शुरू से मदीना की हिजरत तक ।
1 . मक्की जिंदगी लगभग 13 साल ,
2 . मदनी जिंदगी - दस साल
फिर इनमें से हर भाग कई मरहलों पर सम्मिलित है और ये मरहले भी अपनी विशेषताओं की दृष्टि से एक दूसरे से भिन्न और स्पष्ट हैं । इसका अन्दाज़ा आपकी पैग़म्बराना जिंदगी के दोनों भागों में पेश आने वाले अलग - अलग हालात का गहराई से जायजा लेने के बाद हो सकता है । मक्की जिंदगी तीन महरलों पर सम्मिलित थी
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